BIG NEWS: सर्वे ऑफ इण्डिया कम्पनी पहुंची जीरन क्षेत्र में, इन गांवों को होगा ड्रोन सर्वे, क्या हैं कारण, पढ़े खबर

सर्वे ऑफ इण्डिया कम्पनी पहुंची जीरन क्षेत्र में, इन गांवों को होगा ड्रोन सर्वे, क्या हैं कारण, पढ़े खबर

BIG NEWS: सर्वे ऑफ इण्डिया कम्पनी पहुंची जीरन क्षेत्र में, इन गांवों को होगा ड्रोन सर्वे, क्या हैं कारण, पढ़े खबर

चीताखेड़ा। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करवाया जा रहा है। जिसे लेकर 12 तारीख से जीरन तहसील के 5 गांव का सर्वे किया जाएगा। जिसमें चीताखेड़ा, भडक़ सनावड़ा, अमावली जागीर, अखेपुर, गोपालपुरा आदि क्षेत्र शामिल है।

इस सर्वे के पीछे सरकार की मंशा है कि ग्रामीण अंचल में निवासरत लोगों के पास भूमि स्वामी या अपनी पैतृक संपत्ति होने के दस्तावेज ना होने से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ता है। कई बार रिक्त भूमि पर बाहुबली कब्जा जमा लेते है, और कहीं बार इसे लेकर विवाद की स्थिति तक बन जाती है।

यहीं कारण है कि सरकार द्वारा आबादी क्षेत्र का ड्रोन सर्वे कर शासकीय रिकॉर्ड में आबादी नक्शा दर्ज किया जाएगा। साथ ही गांव में निवासरत लोगों की संपति व पेत्रक संपति का गठित कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापन कर दस्तावेज तैयार किए जाएंगे।

जिन्हें शासन के रिकार्ड में दर्ज कर दिया जायगा ताकि आने वाले समय में आमजन को शासन की योजनाओं का लाभ लेने में दस्तावेज को लेकर भटकना नहीं पड़ेगा। 
सर्वे के दौरान जीरन तहसीलदार बसंतीलाल डाबी, आरआई जाबीर खान ,क्षेत्र के समस्त पटवारी एवं पंचायत के सचिव, सहायक सचिव, चौकीदार प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

इनका कहना-

ड्रोन सर्वे से गांव का मैप रिकॉर्ड में इंद्राज हो जाएगा। जिससे पुरानी आबादी क्षेत्रों में आम लोगों के पास भू अधिकार के कोई भी दस्तावेज नहीं होने से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ता है। साथ ही ऐन वक्त पर शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिससे समय पर शासन द्वारा संचालित योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे में ड्रोन सर्वे से पैतृक संपत्ति का दस्तावेज उपलब्ध हो सकेगा और शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुलभता से मिल जाएगा।

 - बसंती लाल डाबी- तहसीलदार जीरन