NEWS : खेतों में दौड़ती 11 हजार केव्ही की लाइन, खम्भों के हो रहे दो हिस्से, इनके सिर पर मंडरा रही मौत, शिकायत तो हुई, लेकिन कार्यवाही नहीं, मामला चीताखेड़ा का, पढ़े आजाद मंसूरी की खबर

खेतों में दौड़ती 11 हजार केव्ही की लाइन

NEWS : खेतों में दौड़ती 11 हजार केव्ही की लाइन, खम्भों के हो रहे दो हिस्से, इनके सिर पर मंडरा रही मौत, शिकायत तो हुई, लेकिन कार्यवाही नहीं, मामला चीताखेड़ा का, पढ़े आजाद मंसूरी की खबर

चीताखेड़ा। विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के आला अफसर भले मेंटेनेंस के नाम से घंटो बिजली कटौती करते रहते हैं। किंतु धरातल पर स्थिति क्या बयां करती है, तो फिर मेंटेनेंस काहे का करते हैं। विभाग के आला अधिकारियों एवं ठेकेदार की सांठ-गांठ के चलते एकदम घटिया निर्माण कार्य किया जाता है। इसी का एक नमूना रामनगर विद्युत ग्रिड से जुड़ी लाइन काडिया वाल टांसफार्मर (डिपी) कृषक गोपी पिता रतनलाल मेघवाल के खेत पर होकर जा रही 11 हजार केव्ही लाइन का  खंभा दो हिस्सों में टूटा हुआ है। 

इसी तरह विनोद पिता रतनलाल माली के खेत पर खड़ा विद्युत खंभा विगत छः महीने से हवा में झूल रहा है। किसानों के खेतों पर ट्यूवेलों व कुओं पर लगी विद्युत मोटरों के कनेक्शन हेतु खड़े किए कई विद्युत पोल से विभाग की पोल खोल ते दिखाई दे रहे है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शायद विभाग बड़ी घटना के इंतजार में है। 

उल्लेखनीय है कि, रामनगर विद्युत ग्रिड से कृषक गोपी पिता रतनलाल मेघवाल के खेत पर लगी काडिया वाले ट्रांसफार्मर हेतु जा रही 11 हजार के व्ही लाइन का खंभा विगत कई महीने से ऊपर के भाग का हिस्सा टूटा हुआ है, जो दो भागों में बंट गया है। इस तरह कई विद्युत पोल ठेकेदार द्वारा गौर लापरवाही तरीके से खड़ा किया है। समय रहते जिम्मेदार आला अधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया तो कोई बड़ी घटना घटित हो सकती है वर्तमान में बरसात का मौसम चल रहा है और यदि जमीन पर करंट फैला तो बड़ा हादसा होने से कोई भी नहीं रोक पाएगा जिसकी समस्त जवाबदारी क्या संबंधित विभाग की रहेगी।

इनका कहना- 

इस मामले की जानकारी और पूरा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, संबंधित अधिकारीयों को जांच के निर्देश दिए गए है।- रोशन अग्रवाल, सहायक यंत्री, चीताखेड़ा, 

उपरोक्त जानकारी मेरे संज्ञान में है, किंतु साधन उपलब्ध नहीं होने से विलंब हुआ। शीघ्र ही मौसम खुला होने पर रिपेयरिंग किया जाएगा। विनोद केथवास, लाइनमैन, चीताखेड़ा।