NEWS: CM शिवराज सिंह चौहान के नाम दिग्गी का पत्र, सुवाखेड़ा खदान को लेकर की ये बड़ी मांग, पढ़े खबर
CM शिवराज सिंह चौहान के नाम दिग्गी का पत्र, सुवाखेड़ा खदान को लेकर की ये बड़ी मांग, पढ़े खबर
प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,
नीमच जिले की तहसील जावद के ग्राम सुवाखेड़ा स्थित खनिज फर्शीपत्थर खान का प्रकरण आपके संज्ञान में लाना चाह रहा हूँ। खनिज विभाग द्वारा यह खदान प्रारंभ नही किये जाने से सैकड़ों मजदूर परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। इस मामले में शासन स्तर से हस्तक्षेप कर खदान तत्काल प्रारंभ की जानी चाहिये।
मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान वर्ष 1998 में सुवाखेड़ा क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 117 हेक्टेयर जमीन फर्शी पत्थर उत्खनन के लिये इंदिरा पत्थर श्रमिक सहकारी सोसायटी को आवंटित की गई थी। श्रमिक वर्ग में सहकारिता की भावना के अनुरूप स्वतः खदान चलाने के लिये पहले सहकारी समिति गठित कराई गई फिर 25 वर्ष के लिये 117 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी। सहकारिता क्षेत्र में किया गया यह प्रयोग बहुत सफल रहा और सैकड़ों श्रमिक परिवारों ने मिलकर पत्थर खदान चलाई और प्रति वर्ष आपस में लाभांश वितरित किया।
कोरोना काल के दौरान सहकारी समिति खदान में पत्थर होने के बाद भी बिक्री कमजोर होने से खनिज विभाग को समय पर अनिवार्य भाटक जमा नहीं कर सकी। इस बीच खनिज विभाग ने फर्शी पत्थर के साथ-साथ खण्डा, गिट्टी और डस्ट जैसे खनिजों का आंकलन कर समिति से 5 करोड़ 31 लाख रूपये जमा करने के लिये नोटिस जारी कर दिया। कोरोना काल में शासन ने सभी तरह के व्यवसायों को बकाया जमा करने की रियायतें दी थी। लेकिन श्रमिकों की इस सहकारी समिति को कोई रियायत नही दी गई। जबकि समिति ने 24 जनवरी 2022 को पत्र लिखकर शेष अनिवार्य भाटक एक करोड़ 77 लाख रूपये दो किश्तों में जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
सहकारी क्षेत्र की श्रमिक संस्था को दो किश्तों में बकाया जमा करने की मोहलत देने की जगह खनिज विभाग ने ई-पोर्टल पर समिति का नाम ब्लॉक कर दिया। जिससे रायल्टी की टी.पी. बनना बंद हो गई। विभाग और शासन स्तर पर जब सुनवाई नही हुई तो सहकारी समिति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जहां से समिति के पक्ष में फैसला आया और माननीय न्यायालय ने समिति से 2 किश्तों में बकाया जमा कराने का निर्णय सुनाया। समिति ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा कि फर्शी खदान बंद होने से सैकड़ों मजदूर परिवारों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। उनका लाखों रूपयें का पत्थर खदान में है और चोरी की स्थिति बन रही है। कोर्ट के निर्णय के बाद भी खनिज विभाग ने ई-पोर्टल पर समिति की ई.टी.पी. विंडो अभी तक नही खोली है।
मेरा आपसे निवेदन है कि यह प्रकरण नीमच जिले के ग्राम सुवाखेड़ा, कुण्डला और खेडाराठौर सहित आसपास के अंचल में रहने वाले गरीब मजदूर परिवारों से जुड़ा है। जहां 117 हेक्टेयर में संचालित फर्शी पत्थर खदान से आसपास के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है। जिन्हे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिल रहा है। कृपया, उच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप शासन स्तर से निर्णय लेकर गरीब, श्रमिक और मजदूरों के पक्ष में फर्शी खदान तत्काल प्रारंभ कराने के निर्देश देने का कष्ट करें।
सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
सादर,
आपका
(दिग्विजय सिंह)