OMG ! अगर आप भी जा रहे है महाकाल मंदिर, और होना है भस्म आरती में शामिल, तो हो जाए सावधान, कहीं ऐसे ना हो जाए ठगी...! दिल्ली के भक्तों को बनाया निशाना, क्या है मामला, पढ़े ये खबर
अगर आप भी जा रहे है महाकाल मंदिर, और होना है भस्म आरती में शामिल, तो हो जाए सावधान, कहीं ऐसे ना हो जाए ठगी...! दिल्ली के भक्तों को बनाया निशाना, क्या है मामला, पढ़े ये खबर
उज्जैन, शातिर ठग अब उज्जैन के महाकाल मंदिर को भी निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे है, रोजाना होने वाली बाबा महाकाल की भस्म आरती के नाम पर भी श्रद्धालुओं को ये ठग रहे हैं, भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दिलाने के नाम पर दिल्ली से आए श्रद्धालुओं को फिर से ठगों ने ठग लिया, ये ठग मंदिर के ही दो कर्मचारी निकले, पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया
उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेम नारायण उदेनिया ने बताया कि, दिल्ली के रहने वाले नितिन भारद्वाज, मोहित अरोड़ा और दिशांत गैरा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आए थे, उन्होंने भस्म आरती में शामिल होने के लिए कोशिश की, लेकिन ऑनलाइन बुकिंग फुल होने की वजह से उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई, ये श्रद्धालु परेशान होकर कोशिश कर ही रहे थे कि, मंदिर के ही दो कर्मचारियों की नजर इन पर पड़ गयी, पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार नाम के इन कर्मचारियों ने तीनों श्रद्धालुओं को भस्म आरती के टिकट दिलाने का झांसा दिया और 4500 रुपए वसूल लिए,
दर्शन करने पहुंचे भक्तों ने की थी लिखित शिकायत-
दिल्ली से आए श्रद्धालु जब मंदिर के गेट पर पहुंचे और क्यूआर कोड चेक किया तो वह किसी और श्रद्धालु को जारी की गई कॉपी थी, ये मीडियाकर्मी के नाम पर जारी की गई थी, कर्मचारियों ने धोखाधड़ी कर उसी कॉपी को इन भक्तों को पकड़ा दिया था, जब दिल्ली से आए ये भक्त अपने अनुमति पत्र लेकर पहुंचे, तब इसका खुलासा हुआ. इस पर ठगी का शिकार हुए श्रद्धालुओं ने मंदिर कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी
दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज-
महाकाल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, आरोपियों की तलाश की जा रही है. उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं, सभी सुबह होने वाली भस्मारती में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन इसका कोटा सीमित होता है, इसलिए सबको इसमें शामिल होने का मौका नहीं मिल पाता है, वीआईपी के लिए प्रोटोकॉल अधिकारी परमिशन देते हैं