NEWS : मुंशी प्रेमचंद की जयंती, पीजी कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन संपन्न, डॉ. रमेश चौहान बोले- प्रेमचंद की कहानियां और उपन्यास हमें आदर्शवाद और यथार्थवाद की और ले जाती है, पढ़े खबर
मुंशी प्रेमचंद की जयंती

नीमच। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के.एल. जाट के मार्गदर्शन में हिंदी विभाग व्दारा केरियर गाइडेंस के अन्तर्गत आयोजित मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें हिंदी के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चौहान ने प्रारंभ में मुंशी प्रेमचंद के कृतित्व और व्यक्तित्व पर अपने विचार रखते हुए कहा, कि मुंशी प्रेमचंद की कहानी और उपन्यास हमें आदर्शवाद और यथार्थवाद की ओर ले जाती है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. के. आर सूर्यवंशी ने कहा कि उनकी कहानियां नैतिकता से भरी पड़ी है। डॉ. असरार अंसारी उर्दू विभागाध्यक्ष ने बताया, कि उनकी कहानियां और उपन्यास आज भी प्रासंगिक हैं। प्रो.आर.सी. जैन ने कहा, कि विद्यार्थियों को कहानी, उपन्यास, कविता पढ़ना चाहिए। जब हम साक्षात्कार देने जाते हैं तो पूछा जाता है कि आपके शोक क्या है या आप खाली समय क्या करते हैं...? डॉ. नवीन सक्सेना ने कहा, कि नारी के जीवन का उत्थान मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियों के अध्ययन से संभव हो सकता है।
प्रो. आर.सी. वर्मा ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानी पंच परमेश्वर में हमें शिक्षा मिलती है कि हम नैतिकता के साथ अपना जीवन यापन करें। इसके बाद प्रो. कमलेश पाटीदार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानियां और उपन्यास के अध्ययन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम गरीब, शोषित और कमजोर लोगों की मदद करें। एम. ए. हिंदी साहित्य के विद्यार्थी अर्जुन नागदा ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम के इस अवसर पर प्रो. अपर्णा रे, प्रो. प्रभावती भावसार, प्रो. चंचल जैन, प्रो. आशा जैन, प्रो. रेखा साहू, प्रो. आयरिस रामनानी, प्रो. कंचन कन्नौज, प्रो. कल्याण सिंह वसुनिया और विद्यार्थी समूह उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आभार प्रोफेसर कल्याण सिंह वसुनिया ने माना।