NEWS : गुणवत्ता की शिक्षा, नीमच कलेक्टर का मिशन भविष्य निर्माण, शिक्षक का रूप, प्रशासक का दिल, गढ़ रहे नीमच का भविष्य, पढ़े विश्व देव शर्मा की कलम से

गुणवत्ता की शिक्षा:

NEWS : गुणवत्ता की शिक्षा, नीमच कलेक्टर का मिशन भविष्य निर्माण, शिक्षक का रूप, प्रशासक का दिल, गढ़ रहे नीमच का भविष्य, पढ़े विश्व देव शर्मा की कलम से

नीमच। “विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मं ततः सुखम्॥ शिक्षा जीवन का सबसे बड़ा मूल्य है। यह केवल किताबों और अंकों तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कार और भविष्य का निर्माण करती है। नीमच ज़िले के कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने इसी सोच को अपने  का आधार बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को मिशन बना लिया है।

कलेक्टर का संकल्प – हर बच्चा बने विजेता

हिमांशु चंद्रा केवल प्रशासक नहीं, बल्कि शिक्षक की भूमिका निभाते नज़र आते हैं। वे कक्षाओं में पहुँचकर बच्चों को पढ़ाते हैं, उनसे संवाद करते हैं और उनमें आत्मविश्वास जगाते हैं। उनका लक्ष्य है—“नीमच का हर बच्चा 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाए।” यह केवल प्रशासनिक लक्ष्य नहीं, बल्कि हर माँ-बाप के सपनों को साकार करने की राह है। जब बच्चा सफल होता है, तो माँ की आँखों में गर्व और पिता के चेहरे पर संतोष दिखाई देता है। यही नीमच के भविष्य को बदलने की सबसे बड़ी ताक़त है।

शिक्षक का रूप, प्रशासक का दिल

कलेक्टर चंद्रा का मानना है कि शिक्षा ही रोज़गार और जीवन सुधारने का सबसे बड़ा माध्यम है। वे कहते हैं— “नवाचार का अर्थ नए प्रयोग नहीं, बल्कि शासन की योजनाओं को पूरी ईमानदारी से ज़मीन पर उतारना है।” उनके इस दृष्टिकोण से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी आत्मविश्वास से भर रहे हैं। वे समझने लगे हैं कि वे भी आगे बढ़ सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

डेटा और संवेदना का संगम

कलेक्टर स्वयं हर छात्र की शिक्षा-गुणवत्ता और परफॉर्मेंस का डाटा कलेक्शन कर उसकी मॉनिटरिंग करते हैं। वे यह देखने के लिए सतत निगरानी रखते हैं कि कौन-सा बच्चा पीछे है और कहाँ सुधार की आवश्यकता है। इस तरह का व्यक्तिगत प्रयास न केवल अपेक्षित छात्र की मदद करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कलेक्टर अपने इस लक्ष्य के प्रति कितने समर्पित हैं। साथ ही सरकार की लैपटॉप योजना जैसे प्रोत्साहन बच्चों के लिए नई प्रेरणा बन रहे हैं। इस संगम में जहाँ आँकड़े मार्गदर्शन देते हैं, वहीं संवेदनशीलता बच्चों के सपनों को उड़ान देती है।

साझा प्रयास, सामूहिक जीत

इस अभियान में नीमच के विधायक और सांसद भी उनके साथ खड़े हैं। जब प्रशासन, शिक्षक और जनप्रतिनिधि मिलकर किसी लक्ष्य पर काम करते हैं, तो उसका असर पूरे समाज पर पड़ता है। नीमच का शिक्षा अभियान इसका जीवंत उदाहरण है। यदि यह प्रयास सफल होता है तो यह केवल नीमच ज़िले की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की उपलब्धि होगी। कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने यह साबित किया है कि एक अधिकारी केवल फाइलों में नहीं, बल्कि बच्चों की आँखों में सपने और जीवन में उजाला भर सकता है।

कलेक्टर नहीं, शिक्षक हैं, जो नीमच का भविष्य गढ़ रहे हैं।