NEWS : लोकमाता देवी अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी समारोह, यहां प्रदर्शनी एवं व्याख्यान संपन्न, डॉ. शक्तावत बोले- प्राचीन मंदिरों एवं स्थापत्य कला के अद्भुत प्रतीकों से समृद्ध है नीमच जिला, पढ़े खबर
लोकमाता देवी अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी समारोह

नीमच। जिले में प्राचीन मंदिरों की एक अप्रतिम एवं अद्भुत श्रृंखला विद्यमान है तो स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण भी मौजूद हैं। प्राचीन मंदिर एवं स्थापत्य कला के ऐतिहासिक प्रतीक जिले को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि प्रदान कर रहें हैं। नीमच जिले का गौरवशाली अतीत रहा है तथा जिले के एक भू-भाग पर लोकमाता देवी अहिल्याबाई का शासन भी रहा है। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर ने जिले के कई प्राचीन शिवालयों का जिर्णोद्धार करवाया है जो आज भी मौजूद होकर लोक आस्था के केन्द्र बने हुए हैं।
यह बात प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पुरातत्ववेत्ता डॉ. सुरेन्द्र शक्तावत, प्राचार्य, ज्ञानोदय महाविद्यालय ने लोकमाता देवी अहिल्याबाईजी के त्रिशताब्दी समारोह अंतर्गत बुधवार को आयुष भवन सभागृह, कलेक्टोरेट परिसर में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आयोजित जिले के प्राचीन मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्मारकों की चित्र प्रदर्शनी एवं व्याख्यान कार्यक्रम में ‘‘जिले के प्राचीन मंदिर निर्माण एवं स्थापत्य कला’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कही।
डॉ. शक्तावत ने अपने व्याख्यान में जिले के प्राचीन मंदिरों सुखानंद महादेव, महामाया भादवामाता, बरूखेड़ा के ऐतिहासिक मंदिर, केदारेश्वर महादेव मंदिर, सहस्रमुखेश्वर महादेव मंदिर, खोर के नवतोरण मंदिर के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराया। डॉ. शक्तावत ने जिले में स्थित स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण अठाना के महल, जीरन के पंचदेवल मंदिर, भाना टिकैत की छतरी, प्राचीन बावड़ियों, रतनगढ़ एवं सिंगोली के किलों के बारे में भी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों से अवगत कराया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में इतिहासकार डॉ. सुरेन्द्र शक्तावत एवं राकेश कुमार राठौर, जिला संयोजक, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा मॉं सरस्वती एवं लोकमाता देवी अहिल्याबाई की तस्वीरों पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं द्वारा इस अवसर पर सरस्वती वंदना की सुमधुर प्रस्तुति दी। तत्पश्चात डॉ. शक्तावत एवं उपस्थितजनों द्वारा जिले के प्राचीन मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्मारकों की चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। डॉ. शक्तावत ने प्रदर्शनी के चित्रों के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में छात्रा संगीता डांगी एवं टीना मालवीय द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाईजी के जीवन चरित्र पर अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम का संचालन श्यामगिरी गोस्वामी ने किया। स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन राकेश कुमार राठौर, जिला संयोजक, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण एवं विभागीय अधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित थे।