NEWS: ग्राम भाटखेड़ा में बह रही श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा, सुनीति से कमाया धन ही जीवन को सार्थक करता है-पं. रतिश शर्मा
ग्राम भाटखेड़ा में बह रही श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा, सुनीति से कमाया धन ही जीवन को सार्थक करता है-पं. रतिश शर्मा
नीमच। सच्चाई परिश्रम इमानदारी से कमाया धन दान पुण्य करना चाहिए। सुनीति से कमाया धन ही जीवन को सार्थक करता है। अनीति से कमाया धन जीवन को विनाश के मार्ग की ओर ले जाता है। जीवन में कभी भी धन संपत्ति पर अभिमान नहीं करना चाहिए यह आज है और कल नहीं। इस बात का सदैव ध्यान रखना चाहिए। धन संपत्ति क्षणिक होती है लेकिन विनम्रता सद्गुण सदैव अमर रहते हैं।
यह बात कथा वाचक पं. रतिश शर्मा अमलावद वाले ने कही। वे सोमवार को प्रातः 11:30 से 3:30 तक मंशापूर्ण हनुमान जी महाराज एवं ग्रामवासी भाटखेड़ा द्वारा मारुति राज महायज्ञ श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संसार ने सांप बिच्छू धतूरा आंकड़ा भूत प्रेत सभी को त्याग दिया। लेकिन शिव ने उन्हें अपनाया है। यही शंकर की उदारता का परिचायक है। शंकर ने तीनो लोक में बस्ती बसाई और स्वयं शमशान वीराने में रहे।
मनुष्य जीवन में अभिमान करने वाले को बकरे की योनि में जन्म लेना पडता है, इसलिए अभिमान नहीं करना चाहिए। मातृशक्ति को हरतालिका तीज का व्रत करने पर पूरे वर्ष की भक्ति का लाभ मिलता है। सास बहू समन्वय के साथ रहे तो घर स्वर्ग बन सकता है। सबको साथ लेकर कार्य करें। वह बुद्धिमानी होता है और बुद्धिमान के धुर्व जैसे पुत्र जन्म लेते हैं। भगवान भक्तों के अधीन होते हैं और किसी के नहीं ।भक्त सेवा के प्रभाव से भगवान को वश में कर लेते हैं।
जब संकट में भगवान को याद करते हैं भगवान दौड़े चले आते हैं। ध्रुव ने छह वर्ष की अल्पायु में छह माह की तपस्या से भगवान को प्रसन्न किया और 36000 साल का राज वरदान में प्राप्त किया। ध्रुव ने अपनी मां के अपमान को ही लक्ष्य बनाकर तपस्या प्रारंभ की और जीवन में ऊंचाई को प्राप्त किया जो आज भी प्रासंगिक है। जीवन में छोटे बन कर रहे तो आनंद मिलता है। अभिमान नहीं करें उसी को भगवान मिलता है।
मां की सेवा पुत्र का कर्तव्य होता है। प्रत्येक मनुष्य को जीवन के अंतिम समय में भक्ति तपस्या करनी चाहिए। जिसका अंत अच्छा होता है, उसकी गति अच्छी होती है। इसको सदैव ध्यान रखना चाहिए।भागवत कथा में पं. रतिश शर्मा द्वारा नरसिंह ध्रुव चरित्र अवतार सती माता चरित्र आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया। महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। मारुति राज महायज्ञ शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत पं. विक्रम जी शास्त्री के सानिध्य में 16 मई सुबह 7:00 बजे देव पूजन यज्ञ एवं मूर्ति संस्कार किया गया।