BIG NEWS: मंदसौर में उठी मांग, बनाया जाएं पशुपतिनाथ कॉरिडोर, देश को मिलेगी तीसरी बड़ी सौगात, क्या तैयारियां भी हो गई शुरू, विधायक और कलेक्टर ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

मंदसौर में उठी मांग, बनाया जाएं पशुपतिनाथ कॉरिडोर, देश को मिलेगी तीसरी बड़ी सौगात, क्या तैयारियां भी हो गई शुरू, विधायक और कलेक्टर ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

BIG NEWS: मंदसौर में उठी मांग, बनाया जाएं पशुपतिनाथ कॉरिडोर, देश को मिलेगी तीसरी बड़ी सौगात, क्या तैयारियां भी हो गई शुरू, विधायक और कलेक्टर ने कहीं ये बात, पढ़े खबर

मंदसौर। काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य रूप प्रदान करने के बाद उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के रूप में महाकालेश्वर मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया गया। अब पशुपतिनाथ कॉरिडोर के रूप में देश को तीसरी बड़ी सौगात मिलने की तैयारी शुरू हो चुकी है, कहा जाता है कि शुभ काम में कैसी देरी, ये शब्द यहां सटीक बैठते नजर आ रहे हैं। जैसे ही पशुपतिनाथ कॉरिडोर की मांग उठी, सामाजिक संगठनों से लेकर जनप्रतिनिधि और यहां तक की प्रशासनिक अधिकारी भी इस काम में पीछे नहीं हट रहे हैं।

महाकाल लोक के बाद अब पशुपतिनाथ कॉरिडोर बनने की कवायद शुरू हो गई है। विधायक से लेकर कलेक्टर तक हर कोई दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ हर संभव प्रयास करने में जुट गया है। अच्छी बात यह है कि सोशल मीडिया से लेकर कागजी कार्यवाही तक इस सभी लोग पशुपतिनाथ कॉरिडोर के निर्माण को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही प्रयास जारी रहा तो जल्द ही पशुपतिनाथ मंदिर के साथ पशुपतिनाथ लोक या पशुपतिनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा।

उज्जैन में महाकाल लोक के बाद अब मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में भी पशुपतिनाथ कॉरिडोर से लेकर मंदिर विकास की मांग उठ रही है। उज्जैन की तर्ज पर पशुपतिनाथ मंदिर का विकास और यहां समीप बह रही शिवना नदी को भी मंदिर से जोडकर शरहवासी अब विकास की मांग उज्जैन की तर्ज पर कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग स्तर पर इसकी मांग को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। जनप्रतिनिधियों के आग्रह के बाद जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने की हामी भरी है। 

उल्लेखनीय है कि, पूर्व में भी पशुपतिनाथ मंदिर को देश के ज्योतिलंग की तर्ज पर ऊं सर्किट में शामिल करने से लेकर यात्री गाड़ी का नाम पशुपतिनाथ एक्सप्रेस करने सहित कई प्रस्ताव बनाए गए थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं।

विश्व की एकमात्र अलौकिक प्रतिमा- 

उज्जैन की तरह मंदसौर से भी महाकवि कालिदास का गहरा नाता है, तो दोनों शिव व शक्ति की प्राचीन नगरी है। उज्जैन और मंदसौर की प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि बहुत मिलती है। साहित्यकार ब्रजेश जोशी के अनुसार मंदसौर में अष्टमूर्ति पशुपतिनाथ के रूप में शिव विराजे हैं, जो विश्व की एकमात्र अलौकिक प्रतिमा है। वहीं शक्ति रूपी नालछा माताजी व खिडकी माताजी विराजी हैं। पशुपतिनाथ के ही निकट शिवना नदी भी है। यह संयोग भी दुर्लभ ही मिलता है कि किसी भी प्रसिद्ध मंदिर के नजदीक पवित्र नदी भी हो।

कलेक्टर गौतम सिंह भी सहमत- 

पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा तो पदेन अध्यक्ष कलेक्टर गौतम सिंह ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि पशुपतिनाथ कॉरिडोर बनने की भी अपार संभावना है जल्द ही सरकार को इसका प्रस्ताव तैयार कर भेजेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर लाने के प्रयास जारी- 

विश्वप्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर लाने और यहां के विकास को लेकर लगातार प्रयास जारी है। 29 करोड़ में केंद्र सरकार ने शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह इसी चरण का हिस्सा है। आने वाले दिनों में मंदिर क्षेत्र के विकास को ओर भी गति दी जाएगी। 

उज्जैन की तरह बनाएंगे डिजाइन

उज्जैन में महाकाल मंदिर के लिए जिस कम्पनी ने डिजाइन तैयार की, उसी से संपर्क कर पशुपतिनाथ मंदिर के विकास व कॉरिडोर के लिए डिजाइन बनाने के लिए कलेक्टर से चर्चा की है। राशि के लिए सरकार से चर्चा करेंगे।- यशपाल सिंह सिसौदिया, विधायक