NEWS: कंजार्डा के अफीम तस्कर शांतिलाल कोे 12 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माने से भी किया दंडित, पढ़े खबर
कंजार्डा के अफीम तस्कर शांतिलाल कोे 12 वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माने से भी किया दंडित, पढ़े खबर
मनासा। माननीय अखिलेश कुमार धाकड़, विशेष न्यायाधीश (एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985) मनासा के द्वारा अवैध मादक पदार्थ अफीम की तस्करी करने वाले आरोपी शांतिलाल पिता सीताराम तेली, उम्र-38 वर्ष, निवासी-धाकड़ मोहल्ला, ग्राम-कंजार्डा, तहसील-मनासा, जिला-नीमच को एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985 की धारा 8/18 के अंतर्गत 12 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया।
गुलाबसिंह चंन्द्रावत, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना लगभग 11 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 22.09.2011 को दिन के लगभग 02 बजे की कंजार्डा-डिकेन मार्ग पर स्थित घाटी के पास दरगाह की है। थाना मनासा में पदस्थ एएसआई सुनील धमाण को प्रधान आरक्षक उमेश चैहान ने थाने पर उपस्थित होकर बताया कि उसे मुखबिर सूचना मिली हैं कि कंजार्डा-डिकेन मार्ग पर स्थित घाटी के पास दरगाह एक व्यक्ति सीमेंट के कट्टे में अफीम लेकर बैठा हैं, जो राजस्थान के किसी तस्कर को देने जाने वाला हैं।
मुखबिर सूचना के आधार पर एएसआई सुनील धमाण फौर्स सहित मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुॅचे जहाॅ मुखबिर द्वारा बताये हुलिए का व्यक्ति बैठा हुवा दिखा जो पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करने लगा, जिसको फौर्स की सहायता से घेराबंदी कर पकड़ा तथा उसके पास जो सिमेंट का कट्टा था, उसमें कुल 21 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम थी।
मौके पर से ही आरोपी को गिरफ्तार कर व अफीम को जप्त कर उसके विरूद्ध थाना मनासा में अपराध क्रमांक 231/11, धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान आरोपी द्वारा उक्त अफीम को मदनलाल तेली से क्रय किया जाना बताया गया, जिस पर से मदनलाल को आरोपी बनाते हुवे शेष विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय मंे प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान विवेचक, जप्ती अधिकारी, फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराये गये। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी मदनलाल को संदेह का लाभ प्रदान कर दोषमुक्त किया गया, किन्तु अभिलेख पर आयी साक्ष्य के आधार पर आरोपी शांतीलाल तेली को अवैध रूप से अफीम की तस्करी किये जाने के अपराध का दोषी पाकर धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत 12 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000रू. जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी गुलाबसिंह चंन्द्रावत, अपर लोक अभियोजक, मनासा द्वारा की गई।