HEALTH TIPS: भावनाओं को दिल में दबाने से हो सकती है गंभीर मानसिक समस्या, इस प्रकार अपने मन की बातों को जुबां पर लाएं...! क्लिक करें और देखें 

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HEALTH TIPS: भावनाओं को दिल में दबाने से हो सकती है गंभीर मानसिक समस्या, इस प्रकार अपने मन की बातों को जुबां पर लाएं...! क्लिक करें और देखें 

डेस्क। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में न सिर्फ काम का दबाव ही नहीं बल्कि ऐसी कई चीजें होती है जिनकी वजह से व्यक्ति स्ट्रेस का शिकार हो जाता है। जिस तरह शारीरिक स्वास्थ जरूरी होता है उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी होता है। कई बार लोग कुछ बातों को अपने मन में दबाकर ही रखते हैं जिस वजह से इमोशनल स्ट्रेस होने लगता है। आपने अक्सर यह बातें सुनी होगी कि जब हम किसी दूसरे व्यक्ति से अपने मन की बातें साझा करते हैं तो हमारा मन हल्का हो जाता है इसी तरह अगर हम सारी ही बातें अपने मन में दबाकर रखते हैं तो मन भारी हो जाता है और फिर इस वजह से इमोशनल स्ट्रेस होने लगता है। अक्सर ऐसा तब होता है जब व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बातें शेयर करने में संकोच महसूस करता है।

इस तरह जब हम मन में सारी बातें दबा कर रखते हैं तो यह मानसिक परेशानी खड़ी कर देता है। इस वजह से एंजायटी, गुस्सा, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होने लगतीहैं। कई बार यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि व्यक्ति का रोजमर्रा वाला काम करना भी मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि इमोशनल एक्सप्रेस को कैसे ठीक किया जा सकता है, तो चलिए जानते हैं।

इमोशनल स्ट्रेस के क्या-क्या कारण होते हैं
इमोशनल स्ट्रेस होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे डर, शर्म, गुस्सा, दुख, चिंता, अपराधबोध, अकेलापन आदि।

इमोशनल स्ट्रेस के क्या-क्या लक्षण होते हैं

इमोशनल स्ट्रेस के कुछ सामान लक्षण इस प्रकार हैं । जैसे, थकान, सिरदर्द, पेट दर्द, नींद न आना, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, नकारात्मक विचार आदि।

अपनी भावनाओं को किन-किन तरीकों से व्यक्त करें
किसी मित्र या परिवार के सदस्य से बात करें: अपनी भावनाओं को किसी ऐसे व्यक्ति से साझा करें जिस पर आप भरोसा करते हैं। वे आपको सुन सकते हैं, समझ सकते हैं और आपका समर्थन कर सकते हैं।

किसी थैरेपिस्ट या काउंसलर से बात करें: यदि आप अपनी भावनाओं को किसी मित्र या परिवार के सदस्य से साझा करने में सहज नहीं हैं, तो आप किसी थैरेपिस्ट या काउंसलर से बात कर सकते हैं। वे आपको अपनी भावनाओं को समझने और उनसे निपटने के तरीके विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

अपनी भावनाओं को लिखें: अपनी भावनाओं को लिखना उन्हें व्यक्त करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। आप एक डायरी रख सकते हैं या अपनी भावनाओं के बारे में पत्र लिख सकते हैं।