BIG NEWS: गिरफ्तारी व जांच के लिए हाड़ी पिपल्या गांव पहुंची पुलिस, तो इन्होंने पत्थर और ईटों से किया हमला, अब न्यायालय का बड़ा फैसला, 1 महिला सहित 3 आरोपियों को कठोर कारावास, जुर्माना भी भुगतेंगे, पढ़े ये खबर

गिरफ्तारी व जांच के लिए हाड़ी पिपल्या गांव पहुंची पुलिस

BIG NEWS: गिरफ्तारी व जांच के लिए हाड़ी पिपल्या गांव पहुंची पुलिस, तो इन्होंने पत्थर और ईटों से किया हमला, अब न्यायालय का बड़ा फैसला, 1 महिला सहित 3 आरोपियों को कठोर कारावास, जुर्माना भी भुगतेंगे, पढ़े ये खबर

मनासा। माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा ग्राम हाड़ी पिपल्या में वारंटी की तलाश में गई पुलिस फोर्स पर पथराव करके वाहनों में नुकसान पहुंचाते हुए शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले 3 आरोपीगण विनोद पिता कालुराम बांछडा (50), सिकंदर माता अमरीबाई बांछडा (31) एवं सम्पतबाई पति विनोद बांछड़ा (48) निवासी- ग्राम हाड़ी पिपल्या को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा- 353 में 2-2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 300-300 रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 3/4 लोक सम्पत्ति निवारण अधिनियम, 1985 में 2-2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 400-400 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं अरविंद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, घटना बीती दिनांक- 17.05.2013 की शाम 5 बजे ग्राम हाड़ी पिपल्या की हैं। मनासा थाने में पदस्थ एएसआई महेश शुक्ला स्थाई वारंटियों की गिरफ्तारी और अपराध विवेचना हेतु शासकीय वाहन से पुलिस फोर्स एएसआई डी.एस. पंवार, आरक्षक योगेन्द्र सिंह, आरक्षक नकुलराव, आरक्षक कांतासिंह, आरक्षक संतोष सहित गांव पहुंचे। 

जहां तलाशी के दौरान तीनों आरोपीगण पुलिस फोर्स के सामने आकर उत्तेजित होकर कहने लगे कि, यहां से किसी को नहीं ले जा सकते और हम नहीं ले जाने देंगे। ऐसा बोलते हुए तीनों आरोपियों ने पत्थर व ईटों से फोर्स पर पथराव किया, और शासकीय वाहन में तोड़-फोड़ कर से भाग गये। आरोपीगण के विरूद्ध मनासा थाने में अपराध क्रमांक- 188/13 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की। मनासा पुलिस द्वारा आरोपीगण को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में पुलिस फोर्स के सदस्यों व चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कर आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिससे सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में पैरवी अरविंद सिंह, एडीपीओ ने की।