NEWS: ना विज्ञप्ति, ना टीएस, ना वर्क ऑर्डर, और चल पड़ा दुकानों का निर्माण कार्य, नगर परिषद के जिम्मेदार बने है मूक दर्शक, मामला जावद क्षेत्र का, पढ़े खबर

ना विज्ञप्ति, ना टीएस, ना वर्क ऑर्डर

NEWS: ना विज्ञप्ति, ना टीएस, ना वर्क ऑर्डर, और चल पड़ा दुकानों का निर्माण कार्य, नगर परिषद के जिम्मेदार बने है मूक दर्शक, मामला जावद क्षेत्र का, पढ़े खबर

नीमच। वैसे तो जावद नगर परिषद आए दिन नित नए कारनामों के चलते चर्चा में रहती है, और अब बिना एस्टीमेट, टी एस, वर्क ऑर्डर के दुकानों के निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। दुकान एक दो नही बल्कि 10 दुकानों का निर्माण कार्य चल रहा है। दरअसल परिषद द्वारा नगर के बस स्टेंड स्थित सब्जी मंडी स्थित प्लेटफार्म पर दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है जिससे नगर परिषद को आमदनी होगी, लेकिन आमदनी के चक्कर में यहां परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में दुकानें निर्माण के लिए एक भी कागज धरातल पर नहीं उतरा और सीधे दुकानें निर्माण का कार्य जारी कर दिया। 

दरअसल अगर परिषद कोई भी कार्य करवाती है, तो उसकी विधिवत टीएस लेकर परिषद की मीटिंग में रखकर, बकायदा टेंडर पोर्टल पर अपलोड करती है, तत्पश्चात उस कार्य का टेंडर निकलता है। जिसकी अवधि 15 से 30 दिवस की होती है और पोर्टल पर अपलोड होने के बाद विज्ञप्ति जिला स्तरीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करना होती है। फिर वहा से परिषद की सामान्य बैठक में उक्त प्रस्ताव को लेकर उसकी स्वीकृति ली जाती है।  इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर को वर्क ऑर्डर दिया जाता है। लेकिन यहां तो सब कुछ बिना किसी कागजात बिना किसी उपयंत्री के उक्त कार्य को शुरू कर दिया गया है। 

 

इससे साफ जाहिर होता है की परिषद अपने  चहेते को कार्य देने के लिए नियमो की परवाह नही कर रहा है। दरअसल वर्तमान में ठेकेदारों में आपसी कंप्टीशिन के चलते लगभग सभी कार्य 5 से 10 प्रतिशत कम की दर पर होते है लेकिन अब इस  नियम विपरीत कार्य  में कैसे पारदर्शिता दिखेगी, इन सब कार्यों से  मंत्री सखलेचा की छबि भी धूमिल हो रही है। इस विषय में परिषद के इंजीनियर शकील खान से चर्चा की गई तो उनके अनुसार ऐसी किसी भी निर्माणाधीन दुकानों के बारे में उन्हें जानकारी  नही है साथ ही अभी उक्त कार्य की विधिवत टी एस और फाइल तैयार नहीं हुई है, अगर कोई व्यक्ति उक्त कार्य रहा है तो समस्त कार्य की जिम्मेदारी स्वयं की रहेगी। 

अब  आप सोच सकते है की जब परिषद में कार्यरत इंजीनियर को ही उक्त कार्य के बारे में पता नही है तो उक्त कार्य को क्या माना जाए, वही इस मामले में जिला डूडा अधिकारी  राजेश शाह से बात की  गई तो उनके अनुसार मामले को जांच में लेकर जो भी दोषी होगा  उस पर कार्यवाही की जाएगी। खेर जो भी हो लेकिन उक्त अवैधानिक कार्यों से परिषद की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठना जायज है। 

इनका कहना- 

दुकानों के निर्माण की बात वर्तमान में महज अफवाह है, भविष्य में ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार हो सकता है। वहां प्लेटफॉर्म की मरम्मत का कार्य चल रहा है। जिसे तोड़कर पुनः बनाया जा रहा है। ऐसे में लोगों को लग रहा है कि, वहां दुकानों का निर्माण कार्य हो रहा है।- जगजीवन शर्मा, सीएमओं, जावद नगर परिषद।