BIG NEWS : नीमच जिले के किसानों के लिए खुशखबरी, भावांतर योजना का मिलेगा लाभ, अन्नदाता ऐसे कराएं अपना पंजीयन, ऑनलाइन शुरुआत इस दिन से, पढ़े खबर

नीमच जिले के किसानों के लिए खुशखबरी

BIG NEWS : नीमच जिले के किसानों के लिए खुशखबरी, भावांतर योजना का मिलेगा लाभ, अन्नदाता ऐसे कराएं अपना पंजीयन, ऑनलाइन शुरुआत इस दिन से, पढ़े खबर

नीमच। प्रदेश के मुख्‍य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावान्तर योजना लागू की गई है। सभी किसानो को सोयाबीन के भावांतर की राशि का लाभ मिलेगा। सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की है। किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन के किसानों को भावान्तर का लाभ दिया जाएगा। 

भावांतर योजना में पंजीयन तीन अक्‍टूबर से प्रारंभ- 

मुख्‍य सचिव ने कहा कि किसान पहले की भांति मंडियों में सोयाबीन का विक्रय करेगा। ‍अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावान्तर योजना के तहत सरकार द्वारा की जाएगी। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अन्तर की राशि सीधे सरकार देगी। उन्होंने कहा कि भावांतर योजना में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया 3 अक्‍टूबर से प्रारंभ की जा रही है। जिले पंजीयन केंद्रों एम.पी आनलाईन,कियोस्‍क एवं सोसायटी में  किसान 17 अक्‍टूबर तक अपना पंजीयन करवा सकेगे। 

आज ग्राम सभाओं का आयोजन- 

विडियों कांफ्रेसिग में निर्देश दिए गए कि जिले की सभी पंचायतों में आज 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं का आयो‍जन किया जावेगा ।कृषि विभाग के अधिकारी इन ग्राम सभाओं में नोडल्‍ अधिकारी के रूप में उपस्थित होकर ग्रामीणों को भांवातर भुगतान योजना के तहत 3 अक्‍टूबर से पंजीयन करवाने के बारे में विस्‍तार से जानकारी देगे और अधिकाधिक किसानों को अंतिम तिथि  के पूर्व अपना पजीयन करवाने की समझाईश देगे ।

ऐसे होगा क्षतिपूर्ति का आंकलन- 

यदि मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का विक्रय मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक हो तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी।  यदि मंडी में कृषि उपज का विक्रय मूल्य राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से भी कम हो तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और घोषित औसत मॉडल भाव के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी।मण्‍डी में इस योजना के तहत हेल्‍प डेस्‍क स्‍थापित की जायगी।

मुख्‍य सचिव अनुराग जैन ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से भावांतर योजना के क्रियान्‍वयन की समीक्षा की और अधिकाधिक किसानों का पंजीयन करवाकर भावांतर का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। नीमच के एनआईसी में कलेक्‍टर हिमांशु चंद्रा, जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्‍णव, एसडीएम संजीव साहू, कृषि सहकारी एवं मण्‍डी समिति के अधिकारीगण मौजूद थे।