सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हजारों हितग्राहियों को बनाया डिफाल्टर, कांग्रेस नेत्री मधु बंसल का बड़ा बयान, कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश और जिले के हितग्राही, पढ़े खबर
सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हजारों हितग्राहियों को बनाया डिफाल्टर,
सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हजारों हितग्राहीयों को बनाया डिफाल्टर
कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश के लाखों और जिले के हजारों हितग्राही– श्रीमती बंसल
कर्ज चुकाने के लिए और कर्जदार हो गए सीएम आवास योजना के पात्र
नीमच । विकास का झूठा ढोल पीटने वाली भाजपा ने प्रदेश में गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है
। बड़ी-बड़ी योजना करने वाले घोषणा वीर प्रदेश के मुख्यमंत्री किस तरह आम जनता को बेवकूफ बना रहे हैं इसकी सच्चाई अब सामने आने लगी है । प्रदेश में भाजपा की विकास यात्रा जहां-जहां पहुंच रही है वहां-वहां लोग पूछने लगे हैं कि जनता का तो विकास हुआ नहीं फिर विकास यात्रा काहे की । जिनका विकास हुआ वे ही लोग विकास यात्रा निकाल रहे हैं और वो ही शामिल भी हो रहे हैं ।
प्रदेश में गरीबों की योजनाओं का दिखावा कर भद्दा मजाक किया जा रहा है । हाल ही में इस बात की पुष्टी मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में हुई धांधली से साफ झलकती है ।
उक्त बात कांग्रेस की वरिष्ठ और तेजतर्रार नैत्री श्रीमती मधु बंसल ने कही । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम पर गरीबों के साथ ऐसा खेल खेला गया कि प्रदेश सहित जिले के हजारों हितग्राही डिफाल्टर हो गए हैं । इसका नतीजा यह हुआ कि साल 2012-13 में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना हेतु तय की गई रकम भी अब दोगुनी-चारगुनी हो चुकी है
और बैंक हितग्राहियों से बढ़ी हुई किश्तें ब्याज सहित वसूलने में जुट गए है । इस कारण मुख्यमंत्री आवास योजना के हितग्राहीयों को कर्ज चुकाने के लिए और कर्जा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है । ऐसे अनेक हितग्राहियों ने अपनी पीड़ा कांग्रेस नैत्री श्रीमती मधु बंसल से साझा की । डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर आने के लिए हितग्राही परेशान हो रहे हैं और दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं । परेशान हितग्राहियों ने श्रीमती बंसल को बताया कि वे भाजपा सरकार द्वारा प्रतिमाह कम किश्ते जमा कराने के कारण डिफाल्टर हो गए हैं और बैंक का कर्ज चुकाने के लिए बाजार से कर्जा लेने के लिए मजबूर हैं इससे उनका पूरा परिवार आर्थिक और मानसिक रुप से परेशान हो रहा है ।
श्रीमती बंसल ने कहा कि प्रदेश में एक तरफ गरीब पीस रहा है वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है । उन्होंने विस्तार पूर्वक मुख्यमंत्री आवास योजना में हो रही धांधली की पोल खोलते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में प्रदेश के लाखों हितग्राही बैंक लोन के डिफाल्टर हो चुके हैं । डिफाल्टर होने का यह खेल सरकार ने इतने शातिराना तरीके से खेला कि हितग्राही को इस बात की भनक तक नहीं लगी और वो अपना अंशदान जमा करते हुए भी डिफाल्टर हो गए ।
सरकार ने किस तरह की धांधली ?
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना भाजपा सरकार ने बड़ी उपलब्धि बताते हुए जोर शोर से प्रचारित कर लागू की थी । इस योजना में गरीबों के लिए आवास की कीमत एक लाख 20 हजार रु. रखी गई थी । इसमें हितग्राही से शुरुआत में अंशदान के रुप में 20 हजार रु. एकमुश्त जमा कराए गए थे । इसके बाद बचे एक लाख रु. में से आधे 50 हजार हितग्राही को और आधे 50 हजार म.प्र. शासन को अंशदान के रुप में जमा कराना था । दोनों ही अंशदान पर बैंक ने लोन सेंशन करते हुए मासिक किश्तें बनाई थी । पहली किश्त हितग्राही और दूसरी किश्त सरकार को 10 साल तक जमा कराना थी । हितग्राही और सरकार दोनों के ही अंशदान की राशि रु. 553 मासिक निर्धारित की गई थी । ग्रामीण क्षेत्र में कई हितग्राही पढ़े लिखे नहीं होते हैं इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने निर्धारित मासिक 553 रु. की किश्त के बजाए 360 रु.मासिक जमा कराए । जबकि वास्तविकता में मासिक 553 रु. की राशि जमा कराई जाना थी । राशि कम जमा होने से हजारों हितग्राही डिफाल्टर हो गए ।
कितना जमा करना था ?
हितग्राही को मासिक 553 रु. 10 सालों तक कुल 120 महीनों तक जमा करने थे इस हिसाब से कुल रकम 66 हजार 360 रु. होती है जो कि हितग्राही द्वारा बराबर जमा कराए गए । वहीं सरकार की बात करें तो इसी मान से यानि कि मासिक 553 रु. 10 सालों तक कुल 120 महीनो तक सरकार को अंशदान के रुप में भी कुल 66 हजार 360 रु. ही जमा कराने थे मगर सरकार ने चालाकी करते हुए मासिक 553 रु. के बजाए मासिक 360 रु. भरे जो कि 10 साल के हिसाब से तक 120 महीनों में 43200 रु. बनते हैं । इस तरह सरकारी साजिश के तहत 66360 की बजाए 43200 यानि अंतर के रुप में 23160 रु. कम जमा कराए गए । अब यह रकम ब्याज सहित जमा नहीं होने पर जिले के हजारों हितग्राही लोन डिफाल्टर हो गए और एक लाख 20 हजार रु. का मकान अब चौगुना हो गया है । जिले में करीब 9 हजार मुख्यमंत्री आवास योजना के हितग्राही हैं । इसमें से अधिकतर हितग्राही डिफाल्टर हो चुके हैं । हितग्राही समझ ही नहीं पा रहे हैं कि उनके द्वारा जब किश्त समय पर और पूरी भरी गई तो वे डिफाल्टर कैसे हो गए ? यह अपने आप में भाजपा शासित सरकार द्वारा प्रदेश की गरीब जनता के साथ की जा रही सबसे बड़ी धांधली है ।
डिफाल्टर हो जाने के बाद हितग्राही के लिए आवास में सुकुन से रह पाना मुश्किल हो गया है । कई परिवार भयंकर त्रासदी से जुझ रहे हैं । जो रकम सरकार द्वारा कम जमा कराई गई है उसकी ब्याज सहित पूर्ति करना पड़ेगी । ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा क्या है ? यह तो अब आप समझ ही गए होंगे कि सरकार किस तरह गरीबों के साथ छल कर रही है?
श्रीमती बंसल ने कहा कि गरीबों से उनके आशियाने छीने जा रहे हैं और भाजपा सरकार मौन है । एक बार फिर चुनाव सामने है और गरीबों को लोक लुभावने वादे कर बरगलाने का खेल शुरु हो चुका है । नई-नई योजनाओं का सब्ज बाग मुख्यमंत्री दिखा रहे हैं । आने वाले चुनावों में जनता प्रदेश से भाजपा की सत्ता उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है ।