BIG BREAKING: सहकारिता चुनाव कार्यक्रम घोषित, MP में 3 हजार 500 सहकारी संस्थाओं में होंगे मतदान, चुने जाएंगे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, दो चरणों में होंगे संपन्न, पढ़े ये खबर

सहकारिता चुनाव कार्यक्रम घोषित, MP में 3 हजार 500 सहकारी संस्थाओं में होंगे मतदान, चुने जाएंगे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, दो चरणों में होंगे संपन्न, पढ़े ये खबर

BIG BREAKING: सहकारिता चुनाव कार्यक्रम घोषित, MP में 3 हजार 500 सहकारी संस्थाओं में होंगे मतदान, चुने जाएंगे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, दो चरणों में होंगे संपन्न, पढ़े ये खबर

डेस्क। एमपी में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले सहकारिता चुनाव होंगे। जिसे लेकर चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया। एक महीने में 3 हजार 500 सहकारी संस्थाओं में चुनाव होंगे। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालक चुने जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार, इस महीने 2 हजार संस्थाओं और अगले महीने मई में 1500 संस्थाओं के चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। मई 2022 के अंत तक एमपी में 3500 सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालक चुन लिए जाएंगे।

2000 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 6 अप्रैल से प्रक्रिया शुरु हो गई, इनमें नामांकन-पत्रों की जांच और उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन कर उन्हें 21 अप्रैल को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए गए, इन संस्थाओं में 26 अप्रैल को मतदान होगा, और उसी दिन परिणाम घोषित होंगे। वही लगभग 1500 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 22 अप्रैल को वोटर लिस्ट का प्रकाशन होगा, और 29 अप्रैल तक आपत्तियां ली जाएगी।

अंतिम सदस्यता सूची का प्रकाशन 30 अप्रैल को किया जाएगा। इस सूची के खिलाफ अपील 2 से 5 मई तक की जा सकेगी। अपील का निराकरण 12 मई तक करने के बाद अगले दिन अंतिम सूची राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को सौंप दी जाएगी। इसके पहले मार्च 2020 से सहकारी संस्थाओं के चुनाव लगातार टलते जा रहे थे, लेकिन अब इंतजार खत्म हो गया है, और जल्द चुनाव कराए जाएंगे।

आपकों बता दें कि, बीते दिनों सामान्य कामकाज के संचालन के लिए सहकारिता विभाग के अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया था, और सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी पदस्थ कर दिया था। वही प्रदेश सरकार ने पिछले महीने सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने के लिए म.प्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमबी ओझा की नियुक्ति की। यह पद सितंबर, 2021 से खाली था। सहकारी अधिनियम के अनुसार चुनाव कराने की संपूर्ण जिम्मेदारी निर्वाचन प्राधिकारी की है, अब वे समितिवार सदस्यता सूची तैयार कराएंगे और फिर चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ होगी।