BIG NEWS : रो पड़ा श्मशान… अंतिम संस्कार के लिए लगी शवों की लाइन, एक साथ जलीं कई चिताएं, मुक्तिधाम में जगह भी पड़ी कम, इंदौर बावड़ी हादसे ने दिलाई कोरोना की याद...! दहल उठा कलेजा, पढ़े ये खबर
रो पड़ा श्मशान… अंतिम संस्कार के लिए लगी शवों की लाइन, एक साथ जलीं कई चिताएं, मुक्तिधाम में जगह भी पड़ी कम, इंदौर बावड़ी हादसे ने दिलाई कोरोना की याद...! दहल उठा कलेजा, पढ़े ये खबर
इंदौर। शहर के स्नेह नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरूवार सुबह ‘रामनवमी’ पर हुए दिल दिहला देने वाले बावड़ी हादसे में अब तक 36 लोगों की मौत की खबर सामने आई है, सभी के शव बावड़ी में से निकाल कर बरामद कर लिए गए है। साथ ही वहां राहत और बचाव का कार्य पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि, 36 शव मिलने के बाद बावड़ी में गिरने वालों की संख्या कुल 54 थी, जिसमें 18 लोगों को कल रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला जा चूका है।
वहीं दूसरी ओर इंदौर मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इस हादसे पर गंभीरता दिखाते हुए मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने के निर्देश दिए है। मिली जानकारी के अनुसार बावड़ी हादसे में जान गंवा चुके 36 लोगों में से अब तक 11 लोगों का रीजनल पार्क मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार हो चुका है। साथ ही बाकी बचे शवों को मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए लाने का सिलसिला लगातार जारी है।
गुजराती समाज के 11 दिवंगत शव शाम को एक साथ पहुंचे मुक्तिधाम-
ह्रदय विदारक इस घटना में अपनी जान दे चुके गुजराती समाज के 11 लोग – पुष्पा बेन पटेल (50), कस्तूरबा बेन पटेल (70), रक्षाबेन पटेल (60), कनक (35), विनोद पटेल (58), गोमती बेन (80), प्रियंका पटेल (30), लक्ष्मी बेन पटेल (75), शारदाबेन (55), रतन बेन (75), ज्ञान बेन (72) का सामूहिक अंतिम संस्कार शाम को एक साथ किया गया। इसके साथ ही इनकी अंतिम यात्रा भी एक साथ निकाली गई।
मुक्तिधाम ने दिलाई कोरोना की याद-
रामनवमी पर हुए इस दर्दनाक हादसे ने कोरोना की याद दिला दी है। दरअसल, इस घटना के बाद शवों को अंतिम संस्कार के लिए रीजनल पार्क मुक्तिधाम पर सुबह 10 बजे से ही लाने का सिलसिला लगातार जारी रहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक रीजन पार्क मुक्तिधाम में शवों को रखने के लिए टीन शेड बने हुए हैं, जहां पर पहले शेड में 12 शवों, दूसरे शेड में 6 और फिर अंतिम लोहे के एंगल लगे हुए शेड में 8 को मुखाग्नि दी।
इस माहौल ने कोरोना की याद दिला दी है, क्योंकि उस समय भी लाशों का ढेर लग चूका था और मुक्तिधाम में जगह काम पड़ गई थी। ठीक वैसा ही दर्दनाक नजारा अब देखने में आ रहा है। इस हादसे के बाद रीजनल पार्क मुक्तिधाम में जगह कम पड़ गई है, जिसके बाद मुक्तिधाम प्रबंधन द्वारा टीन शेड के पास बने हुए जमीन पर शवों को रखकर मुखाग्नि दिलवाए जा रही है और उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। इस नज़ारे को देख हर किसी की आंखो में आंसू और कोरोना समय की याद है।