NEWS: सांवलिया सेठ मंदिर नीमच सिटी पर कायस्थ परिवार की महिलाओं ने मनाया फाग उत्सव, रंग गुलाब के साथ की फूलों की बरसात, पढ़े खबर

सांवलिया सेठ मंदिर नीमच सिटी पर कायस्थ परिवार की महिलाओं ने मनाया फाग उत्सव, रंग गुलाब के साथ की फूलों की बरसात, पढ़े खबर

NEWS: सांवलिया सेठ मंदिर नीमच सिटी पर कायस्थ परिवार की महिलाओं ने मनाया फाग उत्सव, रंग गुलाब के साथ की फूलों की बरसात, पढ़े खबर

नीमच। वसंत ऋतु में फाग उत्सव बसंत उत्सव प्राय मनाए जाते हैं, समझने की बात है फाग एक प्रकार के लोकगीत होते हैं, जो उत्तर भारत में मुख्य रूप से बरसाना गोकुल वृंदावन मथुरा के आसपास के क्षेत्र में और उत्तर भारत से लगे हुए राज्यों में भी धूमधाम से यह गीत गाए जाते हैं। इन गीतों में प्रकृति में बसंत ऋतु में जो बदलाव होता है फूलों का खिलना रंगों की बहार फसल का घर आना नए कोपल फूटना यह सब प्रकृति में बदलाव होता है। इन्हीं सब बातों को गीतों में परिवर्तित कर लोकगीत बनाए गए।

इन्हीं गीतों में राधा कृष्ण के प्रेम पर गीत गाए जाते हैं राधा कृष्ण किस प्रकार से अपने सहेलियों गोप गोपियों के साथ गायों के साथ नदिया के तट पर सुबह शाम की बेला में किस प्रकार से प्रेम का माहौल बनता है, उसके गीत बनाकर गाते हैं होली का त्योहार भी नजदीक ही आने वाला होता है। इसलिए होली के रंगों के त्यौहार पर भी मस्ती भरे गीत गाए जाते हैं । इन्हीं सब बातों का मिलाजुला अपनी भाषा में प्रस्तुति फाग लोकगीत कहे जाते हैं, बसंत ऋतु का भी अपना एक महत्व है भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं रितुओं में वसंत ऋतु हूं वर्ष का आखरी महीना फागुन और वर्ष का प्रथम माह चेत्र दोनों माह को मिलाकर बसंत ऋतु होती है।

हमारे यहां जैसा कि छह ऋतुओं का वर्णन है जिसमें शिशिर शरद बसंत हेमंत ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतु का उल्लेख है, जिसमें वसंत ऋतु रितुओं का राजा कहा गया है जिसमें प्रकृति मैं अनेक बदलाव आते हैं, पतझड़ होना और नए पत्तों का आना कलियों का आना फिर उनका खिलना हल्की हल्की ठंड और गर्मी का पदार्पण बहुत ही मन को मोहने वाला मौसम ऋतु जिसे हम बसंत ऋतु कहते है।

इस ऋतु में हमारा मन प्रफुल्लित रहता है आनंदित रहता है किसान अपने घर फसल लेकर आता है ऐसे अनेक प्रकार के उत्सव जो होते हैं इस ऋतु में आते हैं। उसी श्रंखला में कायस्थ परिवार की महिलाओं ने सांवरिया सेठ मंदिर नीमच सिटी रोड पर फाग बसंत उत्सव बड़ी धूमधाम से फूलों के पंखुडिय़ों की बरसात के साथ हल्का गुलाल रंग लगाकर मस्ती भरे गीत गाकर भगवान को रिझाया गया सुमिरन किया गया। सभी सुखी हो सभी प्रसन्न रहें सभी निरोगी रहें इसी भावना के साथ महिलाओं ने अपने लिए अपने परिवार के लिए अपने बच्चों के लिए दीर्घायु के लिए स्वास्थ्य के लिए प्रभु से प्रार्थना कर आराधना की नाचे झूमे गाए मस्त वातावरण में अन्य समाज की

महिलाओं ने भी भाग लिया इस अवसर पर उक्त जानकारी श्रीमती उर्मिला बाबूलाल गौर ने जानकारी देकर बताया कि बहुत दिनों से मन में इस उत्सव को मनाने का विचार था। हमारी सहेलियों ने साथ दिया, जिसमें राधा कृष्ण के स्वांग भी रचे गए। राधा चित्रांजलि गौड़, कृष्ण कीर्ति सक्सेना और बाल कृष्ण कियन बना।

इस अवसर पर समाज की प्रतिष्ठित महिलाओं ने भाग लिया। मुख्य रूप से प्रभावती अनुराधा, प्रीति शैलजा, रेखा, आशा, अल्पना, सीमा, ममता, ज्योति सभी गौड़ परिवार की महिलाएं के साथ वर्षा श्रीवास्तव, कृष्णा निगम, मधु भटनागर, उमा भटनागर, स्वाति श्रीवास्तव, सुनीता श्रीवास्तव एवं विनीता भटनागर के अलावा शहर की प्रतिष्ठित महिलाओं ने बढ़ चढक़र भाग लिया। श्रीमती उर्मिला गौड़ ने सभी का आभार प्रकट किया मीडिया कर्मियों का भी धन्यवाद किया कि उन्होंने प्रभु से जुड़े हुए इस कार्यक्रम को कवरेज किया।