BIG NEWS : कलेक्टर कार्यालय में ABVP का हल्लाबोल, महिलाओं के साथ घटित अपराधों को लेकर सौंपा ज्ञापन, राष्ट्रपति से ये मांगे, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र के लिए कहीं ये बात, पढ़े खबर

कलेक्टर कार्यालय में ABVP का हल्लाबोल

BIG NEWS : कलेक्टर कार्यालय में ABVP का हल्लाबोल, महिलाओं के साथ घटित अपराधों को लेकर सौंपा ज्ञापन, राष्ट्रपति से ये मांगे, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र के लिए कहीं ये बात, पढ़े खबर

नीमच। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हो रहे जघन्य अपराधों को रोकने और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग आज देशभर में एबीवीपी संगठन ने की है। इसी क्रम में मंगलवार को नीमच जिला अभाविप के छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में जिला कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू के नाम एक ज्ञापन नीमच जिला कलेक्टर के प्रतिनिध को सौंपा। 

ज्ञापन में बताया कि, विगत कुछ वर्षों से पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ यौन शोषण, उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन एवं उनके परिवारों पर सुनियोजित अत्याचार राज्य सरकार द्वारा संरक्षित अपराधियों द्वारा किया जा रहा है।

अभाविप मानवता को शर्मसार करने वाली संदेशखाली घटना से आहत है, और इसकी कठोरतम भर्त्सना करती है। बीती 10 फरवरी को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई वृहद जनमानस के समक्ष आई। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा हिन्दू घरों से जबरन नाबालिग कन्याओं व महिलाओं को चिन्हित कर उनका भयपूर्वक अपहरण कर राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कई जघन्य मामले सामने आये हैं। 

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पीड़िताओं में अधिकांश महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित वर्ग की है, और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की अति से तंग आकर कई परिवार संदेशखाली से पलायन करने को मजबूर है। पश्चिम बंगाल राज्य की महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण से वर्षों के शारीरिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर संदेशखाली की हज़ारों महिलाएं आज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं।

चूंकि मुख्यमंत्री के संरक्षण में राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा संदेशखाली की महिलाओं का शोषण हो रहा है और राज्य की पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है। इसलिए अभाविप की यह मांग है कि, इन महिलाओं को न्याय दिलाने में आपके द्वारा हस्तक्षेप किया जाए। 

न्याय की इस मुहिम में राज्यपाल, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आपसे यह निवेदन करता है कि, राज्य सरकार की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए संदेशखाली के पूरे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कराई जायेएवं लेचियर्थी पर शीघ्र कार्रवाई की जाये।

संदेशखाली की महिलाओं के ऊपर हो रही हिंसा एवं उनकी सामूहिक अस्मिता के हनन पर अबिलम्ब अंकुश लगाया जाये। 

महिलाओं के ऊपर हुई हिंसा एवं दुराचार की घटनाओं की वास्तविकता को निर्भयतापूर्वक शासन, प्रशासन एवं न्यायिक संस्थानों तक पहचाने हेतु हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 

न्याय की सुगमता हेतु पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कराई जाये।

वर्षों के मानसिक शोषण से धीरे-धीर उबरने हेतु इन महिलाओं को मनोचिकित्सकों द्वारा परामर्श सत्रों की भी सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। 

भय-मुक्त संदेशखाली बनाने में केंद्रीय बलों की प्रतिनियक्ति की जाये, ताकि परिवारों के पलायन पर विराम लगाया जा सके। 

अतः अभाविप आपसे मांग करती है कि, उन सभी साधनों एवं तंत्रों की सुनिश्चितता की जाये जिससे संदेशखाली की महिलाओं को न्याय मिल सके।