NEWS- ग्राम सावन के सरस्वती शिशु मंदिर में मातृ सम्मेलन का हुआ आयोजन, उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना:- लक्ष्मी प्रेमाणी ,पढ़े खबर ....
ग्राम सावन के सरस्वती शिशु मंदिर में मातृ सम्मेलन का हुआ आयोजन, उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना:- लक्ष्मी प्रेमाणी ,पढ़े खबर ....
नीमच। शिशु की शिक्षा मां के गर्भ से ही प्रारंभ हो जाती है। शिक्षा संस्कारयुक्त होनी चाहिए, इससे एक शिशु आदर्श नागरिक बन सकें। यह बात महिला समन्वयक शाखा नीमच जिला संयोजिका एवं जिला संयोजिका राष्टीय सेविका समिति लक्ष्मी प्रेमाणी ने कही।गुरुवार को नीमच जिला ग्राम भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर सावन में मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री प्रेमाणी ने बच्चों के प्रति माताओं के होने वाले दायित्व के संबंध में प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए, और कहा सम्मेलन का उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना है। शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए माता ही सक्षम होती है। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन सरस्वती वंदना के साथ किया। खुशबू दीदी चौहान राष्टीय सेवा समिति नगर सेवा प्रमुख), सु.श्री अनुष्का नरेला (नगर तरुणिका प्रमुख), श्रीमती उर्मिला उपस्थित थे।
अथिति स्वागत शाला की वरिष्ठ दीदी श्री मति आशा कुमावत दीदी और रेखा पुरोहित दीदी द्वारा किया गया। अतिथि उदबोधन में आप सभी ने आज की महिलाओं की गरिमामय उपस्तिथि और शिशु मंदिर के संस्कार पक्ष और संस्कार आधारित शिक्षा और साथ ही शाला में सेवा दे रहे आचार्य परिवार के कार्य कि सराहना कि और आपका हमे मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ। विद्यालय परिवार द्वारा उपस्थित सभी माताओं को उपहार वितरित किए गए। कार्यक्रम का संचालन शाला प्रधानाचार्य श्री नंदकिशोर जी सोनी द्वारा किया गया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।