BIG NEWS: श्रावण मास का सातवां सोमवार, रामझर महादेव में उमड़ा भक्तों का सैलाब, बरसते पानी में भीगते हुए निकाली कांवड़ यात्रा, कामना पूर्ति की लगाई अर्जी, पढ़े खबर
श्रावण मास का सातवां सोमवार
चीताखेड़ा। शिव भक्तों द्वारा अंचल में अच्छी बरसात की कामना व सुख समृद्धि के लिए इस वर्ष पवित्र श्रावण मास के सातवें सोमवार नाग पंचमी को अपने अपने ग्रामों से कावड़ यात्रा निकाली। शिवालयों पर शिव भक्तों का सैलाब चरम पर है, ऐसे में भक्तों की शिव भक्ति चरम पर पहुंच चुकी है। इधर रामझर महादेव के दरबार में शिव भक्तों का जमघट लगा हुआ है। अल सुबह से लेकर देर रात तक शिव तरानो के बीच जयकारों के साथ रामझर महादेव के दर्शन करने के लिए हजारों भक्त अपने परिवार सहित पहुंचे। यहां कतार में खड़े होकर आशुतोष का नयनाभिराम श्रृंगार के साथ दर्शन कर पूजा-अर्चना की। शिव भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोवांछित कामना पूर्ति हेतु भोलेनाथ तक पहुंचाने के लिए अर्जी लगाई।
रामझर महादेव के साथ हरवार और पिपलिया जागीर के बीच स्थित जलेश्वर महादेव तथा कराड़िया महाराज के अंतर्गत लगने वाला सिद्धेश्वर महादेव के भी भक्तों ने दर्शन दिए। वहीं माना जा रहा है कि, बचे हुए अंतिम सोमवार को भक्तों की भीड़ बढ़ेगी।
रामझर महादेव मंदिर समिति अध्यक्ष केशुराम जाट, सचिव तरुण सगरावत, उपाध्यक्ष शांतिलाल जैन, सहसचिव मदनलाल माली, यशवंत राठौर कोषाध्यक्ष, संरक्षक भंवर लाल सगवारिया, लक्ष्मी नारायण जाट, नरवर जाट, मथुरालाल पाटीदार, दुर्गा शंकर गुर्जर, शंभू लाल सरगरा द्वारा डेढ़ माह से मेले को भव्यता देने के लिए प्रयासरत थे। पूरे अंचल के शिवालयों में हर हर महादेव.. बोल बम बम... जय श्री महाकाल... के जयकारों की गूंज रही। नीमच से आकर राजनीतिक नेताओं ने भी फूल बरसाकर कांवड़िए का स्वागत किया।
29 ग्रामों से रामझर महादेव पहुंची कांवड़ यात्राएं--
तीसरे सोमवार को शिव भक्ति चरम पर पहुंच चुकी है। कराड़िया महाराज, अरनिया, बमोरा, आसपूरा, आंबा, केरी, देवियां ग्वाल, तालाब ग्वाल, मात्याखेड़ी, तालखेड़ा, बांसखेड़ा, अघोरिया, दलपतपुरा, राबड़िया, हरवार, फोफलिया, जीरन, हरनावदा, घसुंडी जागीर, अमावली जागीर, महुडिया सहित सोमवार को अंचल के 29 अलग-अलग दूर-दराज इलाकों से कावड़ यात्रा गाजे बाजे एवं डीजे के साथ नाचने झुमते हुए आशुतोष रामझर महादेव पहुंची।
इसमें मातृशक्ति बहने, छोटी छोटी बालिकाएं महिलाएं भी बढ़-चढ़कर बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा का हिस्सा बनी है। सभी ढोल ढमाको एवं डीजे की धुन पर बज रहे भक्ति मय गीतों पर शिवभक्त झूमते हुए आएं, कांवड़ यात्रा में शामिल होकर पद यात्रा करते हुए मंदिर तक पहुंचें और यहां भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया।