NEWS : आउटसोर्स, संविदा और अस्थायी सहित इन कर्मचारियों ने भरी हुंकार, सीटू के बैनर तले सौंपा ज्ञापन, न्यूनतम वेतन सहित ये आदेश जारी करने की मांग, पढ़े खबर

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NEWS : आउटसोर्स, संविदा और अस्थायी सहित इन कर्मचारियों ने भरी हुंकार, सीटू के बैनर तले सौंपा ज्ञापन, न्यूनतम वेतन सहित ये आदेश जारी करने की मांग, पढ़े खबर

नीमच। प्रदेशव्यापी आव्हान के तहत बुधवार को नीमच में विभिन्न विभागों के आउटसोर्स, संविदा, ठेका, अस्थायी, स्थायी, ग्राम पंचायत के नल चालक एवं भृत्य ने  सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू के नेतृत्व में एक ज्ञापन श्रमायुक्त के नाम स्थानीय कलेक्टर कार्यालय में डिप्टी कलेक्टर संजीव साहू को सोंपा। ज्ञापन में बताया कि, वैधानिक रूप से देय 5 वर्ष की बजाए लगभग 9½ वर्ष में किए गए न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण का प्रदेश के लाखों श्रमिकों व कर्मचारियों को अब तक भुगतान न होना दुर्भाग्यजनक है। 

इसका भुगतान माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ इंदौर द्वारा दिए गए स्थगन आदेश से रुका था। इस संबंध में हुई कानूनी लड़ाई में  सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), मध्य प्रदेश राज्य समिति भी हस्तक्षेपकर्ता (इंटरवीनर) के रूप में शामिल था। इस कानूनी लड़ाई के परिणाम के रूप में 3 दिसंबर 2024 को माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने स्थगन आदेश समाप्त कर 1 अप्रैल 2024 से बढ़ी दरों के भुगतान करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया। 

लेकिन दुखद पहलू यह है कि 3 दिसंबर के बाद एक माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी जब आदेश जारी नहीं हुआ तो  सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), मध्य प्रदेश राज्य समिति ने 6 जनवरी 2025 को श्रम विभाग के प्रमुखों को न्यायालय की अवमानना का कानूनी नोटिस दिया। इसके बाद 8 जनवरी 2025 को मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय से आपको कानूनी अभिमत भी मिल गया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि बढ़ी दरों का भुगतान 1 अप्रैल 2024 से किया जाना है। इतने स्पष्ट अभिमत के बाद भी बढ़ी हुई दरों के भुगतान संबंधी आदेश आपके कार्यालय द्वारा जारी नहीं हुए। इससे पूरे प्रदेश में लाखों श्रमिकों में भारी असंतोष पैदा हो रहा है। 

उपरोक्त स्थिति में हमारा आग्रह है कि-

1. माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के विषय में महाधिवक्ता के स्पष्ट अभिमत मिल जाने के बाद की स्थिति में, 1 अप्रैल 2024 से बढ़ी हुई दरों को एरियर सहित भुगतान संबंधी आदेश तुरंत जारी किया जाए।  

2. इस आदेश के साथ श्रम विभाग के मैदानी अमले के लिए एक विशेष परिपत्र जारी कर एरियर सहित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये जावे। 

3. ग्राम पंचायत में काम करने वाले नाल चालक एवं भृत्य  , चौकीदारों को न्यूनतम वेतन दिया जाए ।

यदि यथाशीघ्र उपरोक्त आदेश जारी नहीं किए गए तो हमारा संगठन न केवल न्यायालय के अवमानना की कानूनी कार्रवाई शुरू कर देगा बल्कि श्रमायुक्त कार्यालय पर डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन करने के लिए भी मजबूर होगा। ज्ञापन का वाचन मुकेश नागदा ने किया। 

इस अवसर पर सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ठाकुर, जिला कार्यकारी अध्यक्ष किशोर जवेरिया, सहित विभिन्न विभागों के सुनील शर्मा, नितिन मेहरा, रमेश चंद्र गरासिया, श्याम सिंह पवार, गोविंद प्रजापति, अभिषेक कुमार, कपिल सैनी, राजेंद्र दास बैरागी, दिनेश जोशी, दिलीप व्यास, सहित कई आउटसोर्स, ठेका, दैनिक वेतन भोगी, स्थाईकर्मी, औद्योगिक एवं ग्राम पंचायत के श्रमिक/ कर्मचारी उपस्थित थे।