NEWS : जनजातीय गौरव गाथा दिवस, जीरन के शासकीय महाविद्यालय में ये विशेष कार्यक्रम संपन्न, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में इन्होंने मारी बाजी, पढ़े खबर
जनजातीय गौरव गाथा दिवस

जीरन। शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय जोशी के निर्देशन में समन्वयक प्रो. रितेश कुमार चौहान सह संयोजक डॉ. उन्नति कौशल के सानिध्य में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम जनजाति गौरव गाथा कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के तहत सर्वप्रथम 4 दिसंबर को प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम करवाया गया। उसके बाद आज जनजाति नायकों से संबंधित उनकी गौरव गाथाओं से छात्र छात्राओ को अवगत करवाया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के आगे सभी मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। सर्वप्रथम उद्बोधन की कड़ी में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय जोशी द्वारा अपने स्वागत उद्बोधन में जनजातियों से तादात्म्य स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोग वह हमारे भाई बंधु है हमें उनकी जीवनशैली व जीवन दृष्टि को अपनाना चाहिए। ये लोग जल, जंगल, जमीन एवं जानवर से प्यार करने वाले और उनकी पूजा करने वाले लोग हैं।
दूसरे वक्ता जीरन तहसील के नायब तहसीलदार कमलेश डुडवे विशिष्ट अतिथि के रूप में उन्होंने अपने उद्बोधन में अलीराजपुर आदिवासी बहुल जिले के जनजातीय जीवन से साक्षात अनुभव को महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के सामने प्रस्तुत किया। दूसरे वक्ता के रूप में विजेंद्र सिंह चौहान प्रांत प्रमुख जनजातीय गौरव गाथा के तौर पर उपस्थित होकर जनजातियों की गौरवशाली परंपरा, इतिहास, संस्कृति, जीवन शैली पर बारीकी से अपने विचार रखें और सनातन धर्म की अकाट्य परंपरा को जीवंत करने पर जोर दिया।
आपने कहा कि वे पिछड़े नहीं है वे तो मुख्य धारा में ही है। हम मुख्य धारा से अलग हो गए हैं। अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रथम प्रियांशी शर्मा, द्वितीय भावना धनगर एवं तृतीय स्थान पर वैदिका जाट को अतिथियों द्वारा स्मृति चिह्न प्रदान कर पुरुस्कृत किया। कार्यक्रम के अंत में आभार कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रितेश चौहान ने प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रणजीत सिंह चंद्रावत ने किया। कार्यक्रम में समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे, जानकारी मीडिया प्रभारी रणजीत सिंह चंद्रावत ने दी।