BIG BREAKING : मानहानि केस में न्यायालय का बड़ा फैसला, राहुल गांधी को 2 साल की सजा, फिर उसी कोर्ट से...! मामला- साल 2019 से जुड़ा, पढ़े पूरी खबर
मानहानि केस में न्यायालय का बड़ा फैसला, राहुल गांधी को 2 साल की सजा, फिर उसी कोर्ट से...! मामला- साल 2019 से जुड़ा, पढ़े पूरी खबर

डेस्क। 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है... वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दोषी करार दिया। इस फैसले के 27 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई। बाद में उन्हें जमानत दे दी। उन्होंने कोर्ट में कहा कि, बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। इससे पहले कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। फैसले के वक्त राहुल कोर्ट में मौजूद थे।
गौरतलब है कि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि, चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेश के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
राहुल आईपीसी की धारा 500 में दोषी करार-
राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।
पूर्णेश ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे-
केस पश्चिम सूरत के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि, राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि, पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को निशाना बनाया गया था, न कि पूर्णेश मोदी को।