BIG NEWS: मंदसौर से बड़ी खबर, अमेरिका में डेढ़ करोड़ का पैकेज छोड़ा, संयम पथ को अंगीकार करने की ठानी, साल के अंतिम माह में क्या करेंगे प्रांशुक...! पढ़े खबर
मंदसौर से बड़ी खबर, अमेरिका में डेढ़ करोड़ का पैकेज छोड़ा, संयम पथ को अंगीकार करने की ठानी, साल के अंतिम माह में क्या करेंगे प्रांशुक...! पढ़े खबर
मंदसौर। जब मन में वैराग्य उत्पन्न होता है, तब सब कुछ छोटा और नगण्य नजर आने लगता है, फिर चाहे सामने लाखों रुपये का पैकेज क्यों न हो। एमपी के देवास जिले के निवासी 28 वर्षीय प्रांशुक कांठेड़ भी अमेरिका से डेढ़ करोड़ रुपये का पैकेज छोड़कर अगले माह जैन धर्म की दीक्षा अंगीकार करने जा रहे हैं। वह मंगलवार को वीरेंद्र कुमार नाहटा के निवास पर मंदसौर पहुंचे। यहां मुमुक्षु का सम्मान किया गया।
कपिल नाहटा और मनोहर नाहटा ने जानकारी देते हुए बताया कि, प्रांशुक कांठेड़ का जन्म 28 अगस्त 1994 को देवास जिले के हाट पिपलिया में हुआ था। प्रांशुक ने इंजीनियर की डिग्री इंदौर के कालेज से प्राप्त की। अमेरिका से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। फिर अमेरिका में ही नौकरी करते हुए प्रांशुक कांठेड़ का डेढ़ करोड़ रुपये का पैकेज था, लेकिन वैराग्य उत्पन्न हुआ और 2021 में नौकरी छोड़ भारत लौट आए। प्रांशुक के पिता राकेश कांठेड़ व्यवसायी हैं। माता पुष्पा कांठेड़ गृहिणी एवं छोटा भाई प्रबल कांठेड़ सीए हैं।
वर्ष 2009 में प्रांशुक कांठेड़ को प्रथम बार वैराग्य उत्पन्न हुआ था और माता-पिता को पत्र लिख दीक्षा की आज्ञा मांगी थी, लेकिन कम उम्र होने के कारण उस समय किसी ने साथ नहीं दिया। प्रांशुक ने मन में संयम पथ को अंगीकार करने की ठानी हुई थी। जैन संत उमेशमुनि एवं अन्य साधु भगवंतों के प्रवचन सुनकर प्रांशुक कांठेड़ को लगातार वैराग्य उत्पन्न होता रहा। अब जिनेंद्रमुनि के सानिध्य में अगले माह दीक्षा ग्रहण करेंगे। प्रांशुक के परिवार से पूर्व में सांसारिक नानाजी और मौसीजी ने भी दीक्षा ग्रहण की हुई है। वे अभी चंद्रेशमुनि और श्रद्धाश्री के नाम से पहचाने जाते हैं।