NEWS: बसंतोत्सव का दूसरा दिन, जाजू कन्या महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, विधायक परिहार बोले- प्रतिभाओं को निखारने के विशिष्ट अवसरों पर नीमच व राष्ट्र का गौरव बढ़ायें, पढ़े खबर

बसंतोत्सव का दूसरा दिन

NEWS: बसंतोत्सव का दूसरा दिन, जाजू कन्या महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, विधायक परिहार बोले- प्रतिभाओं को निखारने के विशिष्ट अवसरों पर नीमच व राष्ट्र का गौरव बढ़ायें, पढ़े खबर

नीमच। ऊर्जावान नेतृत्व के सानिध्य में जाजू कन्या महाविद्यालय विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचा है। खेल मैदान के रूप में महाविद्यालय को 85000 वर्ग फिट जमीन मिलना इस वर्ष की विशिष्ट उपलब्धि है। शासन के सहयोग से महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।” उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी एवं भाजपा के वरिष्ठतम् कार्यकर्ता संतोष चौपड़ा ने श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में त्रिदिवसीय वसन्तोत्सव के द्वितीय दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को निखारने का एक अवसर प्रदान करता है। 

उल्लेखनीय है कि, जाजू कन्या महाविद्यालय से विशेष स्नेह व लगाव रखने वाले विधायक दिलीपसिंह परिहार ने विधानसभा सत्र में व्यस्त रहने के बावजूद मोबाईल पर छात्राओं को वसन्तोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वसन्तोत्सव प्रकृति के साथ आनन्द का उत्सव है जो जीवन में नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के माध्यम से जाजू महाविद्यालय एवं नीमच के नाम को गौरवान्वित करने हेतु प्रेरित भी किया। 

महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के ऊर्जावान अध्यक्ष विजय बाफना ने छात्राओं को उत्कृष्ट प्रदर्शन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सांस्कृतिक गतिविधियां अत्यन्त सहायक होती है। मालवांचल का यह महाविद्यालय विद्यार्थियों के जीवन को तराशने में अग्रणी है। कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।

संगीत विभाग की छात्राओं ने प्राध्यापिका डॉ. अमृता सोनी के नेतृत्व में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एनके. डबकरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ साथ सांस्कृतिक, क्रीड़़ा एवं अन्य गतिविधियों में भी विक्रम विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में अव्वल स्थान रखता है। अतिथियो के रूप में वरिष्ष्ठ एवं पूर्व पार्षद भीमसिंह सैनी भी मंचासीन थे। पत्रकार बंधुओं एवं अनेक वरिष्ठ नागरिकों के साथ बाफना ने भी उत्कृष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द लिया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रभारी प्राध्यापिका डॉ. प्रतिभा कालानी एवं डॉ. साधना सेवक के नेतृत्व में बहुत बड़ी संख्या में छात्राओं की उपस्थिति के साथ प्रतिभाशाली छात्राओं ने कुल 12 एकल नृत्य, 06 समूह नृत्य, 06 यूगल नृत्यों, 5 एकल गायन, एक स्किट एवं 02 मिमिक्री की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। भूतपूर्व छात्रा संगठन ‘सृजा’ के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर उपस्थित रहकर महाविद्यालय की पुरानी यादों के किस्से छात्राओं को सुनाए तथा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। छात्रा संगठन ने महाविद्यालय के विकास हेतु रू 32000/- की राशि एवं एक अलमारी प्राचार्य डॉ. एनके डबकरा, प्रो. विजया वधवा एवं प्रो. साधना सेवक का सम्मान करते हुए भेंट की। 

प्रभारी डॉ. पी.सी. रांका ने बताया कि त्रिदिवसीय वसन्तोत्सव के अन्तिम दिन 16 फरवरी 2024 को महाविद्यालय परिसर में वसन्त मेला का आयोजन प्रातः 11.00 बजे से होगा, जिसमें छात्राओं द्वारा स्वादिष्ट व्यंजनों, हस्तकला निर्मित वस्तुओं, मनोरंजन गेम्स आदि की स्टॉल लगाई जाएगी तथा रामायण थीम पर आधारित विभिन्न पात्रों की फेन्सी ड्रेस में उपस्थित जनों का मनोरंजन करेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन महाविद्यालय की छात्राएं कु. रोहिणी मालवीय, कु. अनिता धाकड़, कु. एंजेल मित्तल तथा कु. खुशी मोदी द्वारा किया गया तथा आभार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी डॉ. प्रतिभा कालानी ने माना।